इस महाविद्यालय की स्थापना 24 अगस्त 2009 को हुई। लंबे समय से इस अंचल में महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने की मांग जनता द्वारा की जा रही थी। जनता की मांग के आधार पर छत्तीसगढ़ शासन ने इस महाविद्यालय को प्रारंभ करने की घोषणा की। महाविद्यालय में विकास की दृष्टि से कला संकाय, विज्ञान संकाय, वाणिज्य संकाय तथा पी.जी.डी.सी.ए. तथा डी.सी.ए. की कक्षाएं संचालित है। इस महाविद्यालय में कुल 1600 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत् है। इस महाविद्यालय का उद्देश्य है कि इस संस्था में अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं का सर्वांगीण विकास हो सकें। इस दृष्टि से महाविद्यालय में नियमित सांस्कृतिक, साहित्यिक गतिविधियाॅ संचालित होती है। विघार्थियों में क्रीड़ा स्पर्धा की भावना को जागृत करने की दृष्टि से नियमित क्रीड़ा प्रतियोगिताएं संचालित होती है। राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से युवाओं को ग्रामीण संस्कृति से जोड़ने का सफल प्रयोग किया जाता है। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी द्वारा अनेक ग्रामों में सप्त दिवसीय शिविर आयोजित किये गये है। महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को लेकर हमारी भविष्य में योजनाएं कि हम पांच विषयों में स्नातकोत्तर, रोजगान्मुखी पाठ्यक्रम, सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम, आडिटोरियम, खेल मैदान, एन.सी.सी. आदि प्रारंभ करें। महाविद्यालय के अकादमिक कार्यालयीन संचालन में समस्त सम्माननीय प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों का सतत सक्रिय सहयोग मिलता है। यह महाविद्यालय अंचल के सम्माननीय जनप्रतिनिधियों तथा जनभागीदारी समिति के सम्माननीय सदस्यों के सहयोग से सफलता की ओर अग्रसर है। नगरवासियों एवं छात्र-छात्राओं से महाविद्यालय के विकास में मैं सहयोग की अपील करती हूं। धन्यवाद! जय कुलेश्वर नाथ जय छत्तीसगढ़